शंखचूड़ काल सर्प दोष
शंखचूड़ काल सर्प दोष: संस्कृत में ‘काल’ का अर्थ है समय और सर्प का अर्थ है “नाग”। वैदिक ज्योतिष में राहु और केतु दोनों को “छाया ग्रह” माना जाता है। काल सर्प दोष या काल सर्प योग के रूप में जाना जाने वाला ग्रह विन्यास तब होता है जब राशि चक्र के सभी सात प्रमुख […]